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सहकारिता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ तथा लगभग 3000 प्राथमिक गृह निर्माण सहकारी समितियां सम्पूर्ण प्रदेश में मध्यम एवं निम्न वर्गों के लोंगो की आवास समस्या को हल करने की दिशा में कार्यरत है मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ द्वारा अपने कालातीत ऋणों की वसूली हेतु मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग द्वारा अनुमोदित एकमुश्त समझौता योजना के अंतर्गत कालातीत ऋणी सदस्यों को समझौता दिनांक पर देय सम्पूर्ण दण्ड व्याज एवं गत ५ वर्षो के व्यवहारिक व्याज की छूट प्रदान की जा रही है यह योजना ३१ मार्च २०१३ तक प्रभाव शील हैं आवास संघ द्वारा योजना की अवधि में दो वर्ष की वृद्धि (अर्थात ३१ मार्च २०१५ तक ) हेतु प्रस्ताव पंजीयक कार्यालय को प्रेषित किया गया है जो प्रक्रियाधीन है
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गृह निर्माण समितियों को अपने कार्य में होने वाली कठिनाइयों एवं उनके निराकरण करने के लिए उद्देश्य के बेहतर व्यवस्थापन से इन समितियों के लिए मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम में प्रथक से याक अध्याय बनाया गया हैं जो दिनांक ३१/०४/२००४ से प्रभावशील हैं इसमें सदस्यों के हितो की सुरक्षा के विशेष प्रावधान किये गए हैं वर्तमान में गृह निर्माण समितियों में हो रही अनियमितताओ को द्रष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम की धरा ७२ में गृह निर्माण सहकारी समितियों के पदाधिकारियों के द्वारा की जाने वाली अनियमितताओ के लिए दण्ड बढाया जाकर अब ५ लाख रुपये तक जुर्माना तथा ३ वर्ष तक कारावास कर दिया गया है इसी कड़ी में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओ की उपविधियों में संशोधन कर संस्था के सदस्य को ०३ वर्ष पश्चात भूखंड हस्तांतरण की अनुमति दी गई तथा सदस्य के भूखंड पर भवन निर्माण की अवधि ०५ वर्ष के स्थान पर ०८ वर्ष कर दी गई है जिससे सदस्य को संचालक मंडल द्वारा अनावश्यक परेशां करने से बचाया गया है
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प्रदेश में गृह निर्माण सहकारी संस्थाओ के सदस्यों द्वारा वरीयता में होने तथा राशि जमा करने के उपरांत भी भूखंड नहीं मिलने, जमा राशि वापस नहीं मिलने, रजिस्ट्री उपरांत भूखंड का कब्ज़ा नहीं मिलने आदि शिकायते प्राप्त होने पर शासन द्वारा जांच कराई गई परिणामस्वरुप गत दो वर्षो में ४४०० पीड़ित सदस्यों को भूखंड तथा ११०० पीड़ित सदस्यों को उनकी जमा राशि व्याज सहित रुपये ४.१८ करोड़ वापस कराई गई है
मध्य प्रदेश में अल्पकालीन सहकारी साख संरचना :-
संस्था |
संख्या |
शाखाऐं |
संपादित किये जा रहे कार्य |
म.प्र. राज्य सहकारी बैंक |
1 |
24 |
कृषि ऋण, कृषि आदान (बीज - खाद), सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समर्थन मूल्य पर उपार्जन आदि |
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक |
38 |
852 |
प्राथमिक कृषि साख समितिया |
प्राथमिक कृषि साख समितिया |
4536 |
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा कृषि, उद्योग, प्रक्रिया, विपणन और उपभोक्ता क्षेत्रों में विकास के लिये योजनाऐं संचालित की जा रही है। इनमें वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण योजना एकीकृत सहकारी विकास परियोजना है, जो वर्तमान में प्रदेश के निम्नानुसार जिलों में संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित मदों के लिये सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैः-
क्रमांक |
मद |
उपलब्ध सहायता |
01 |
प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थायें |
बैकिंग काउंटर, गोदाम मरम्मत, नवीन गोदाम निर्माण, मार्जिन मनी। |
02 |
विपणन समिति |
नवीन गोदाम, मार्किटयार्ड, ट्रक, टेंकर मार्जिन मनी, गोदाम मरम्मत |
03 |
बगवानी |
हिस्सापूंजी, मिर्च प्रक्रिया |
04 |
मत्स्य पालन |
हिस्सापूंजी, जाल किश्ती, बीज साईकिल |
05 |
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक |
बैंकिंग काउंटन, हिस्सापूंजी, सेप्टीलाकर |
06 |
हाथकरघा (बुनकर) |
हिस्सापूंजी, गोदाम निर्माण, शोरूम, लूम्स एवं एसेसरीज |
07 |
डेयरी |
हिस्सापूंजी, मिल्ककेन, दुग्ध संग्रह केन्द्र, पशुआहार, गोदाम,मिनीटेंकर, चलित मिल्क बूथ |
08 |
वनोपज, रेशम उदवहन, सिंचाई, परियोजना तथा महिला सोसायटीज |
अंशपूंजी एवं अन्य वित्तीय सहायता |
09 |
मानव संसाधन विकास |
पी.आई.टी.कास्ट, प्रशिक्षण प्रोत्साहन, परियोजना रिपोर्ट विशेष प्रशिक्षण सहायता का स्वरूप |